रोज़ उसके चेहरे पे नज़ाकत रही! अब नहीं उसको मुझसे मुहब्बत रही. रोज़ उसके चेहरे पे नज़ाकत रही! अब नहीं उसको मुझसे मुहब्बत रही.
एक और सपूत सो गया सब सपने अपने साथ ले गया पर नाम बहुत ऊंचा कर गया भारत माँ की उत्कृष्ट सेवा कर गया। एक और सपूत सो गया सब सपने अपने साथ ले गया पर नाम बहुत ऊंचा कर गया भारत माँ की उत...
बहुत मज़ा बहुत मज़ा
दिल डूबा क्यों फ़िर उसकी चाहत में है वो ही जब डूबी आँखें नफ़रत में. दिल डूबा क्यों फ़िर उसकी चाहत में है वो ही जब डूबी आँखें नफ़रत में.
बीते बहुत दिन, लिखा नहीं एक शब्द बीते बहुत दिन, लिखा नहीं एक शब्द
और सोचता हूँ के तू मेरा सपना था या हकीकत, और सोचता हूँ के तू मेरा सपना था या हकीकत,